आँखें बंद करके रोता हूँ तो लगता है तुझे मैं रोया नहीं SHARE FacebookTwitter आँखें बंद करके रोता हूँ तो लगता है तुझे मैं रोया नहींसदियों तक जागा हूँ मैं तेरे इंतज़ार में सोया नहींप्यार में पाया क्या है यह मुझे मालूम नहीं हैपर तेरे सिवा ज़िंदगी में मैंने कुछ खोया नहींMore SHARE FacebookTwitter Tagsप्यार शायरी रेख़्ता