आँखें बंद करके रोता हूँ तो लगता है तुझे मैं रोया नहींआँखें बंद करके रोता हूँ तो लगता है तुझे मैं रोया नहींसदियों तक जागा हूँ मैं तेरे इंतज़ार में सोया नहींप्यार में पाया क्या है यह मुझे मालूम नहीं हैपर तेरे सिवा ज़िंदगी में मैंने कुछ खोया नहीं
मोहब्बत का इशारा याद रहता हैमोहब्बत का इशारा याद रहता हैहर प्यार को अपना प्यार याद रहता हैदो पल जो प्यार की बाहों में गुज़रे होंमौत तक वो नज़ारा याद रहता है
उसको चाहा तो बहुत मगर इज़हार करना नहीं आयाउसको चाहा तो बहुत मगर इज़हार करना नहीं आयाकट गयी उम्र सारी मगर प्यार करना नहीं आयाउसने कुछ माँगा भी तो माँग ली जुदाई हमसेहम करते भी क्या क्योंकि हमें इंकार करना नहीं आया
जाने क्यों दुनियां में ऐसा होता हैजाने क्यों दुनियां में ऐसा होता हैजो सब को ख़ुशी दे, वही क्यों रोता हैउम्र भर जो साथ ना दे सकेवही ज़िंदगी का पहला प्यार क्यों होता है
आजकल बज़्म में आते हुए डर लगता हैआजकल बज़्म में आते हुए डर लगता हैक्या कहें कुछ भी सुनाते हुए डर लगता हैबात करते थे कभी दिल से दिल मिलाने कीआज तो आँख मिलाते हुए डर लगता हैप्यार करते हैं तुम्हें यह तो सही है लेकिनतुमको यह बात बताते हुए डर लगता हैजबसे इंन्सानों की बस्ती में बसे हैं यारोख़ुद को इंसान बताते हुए डर लगता हैइस क़दर हमको छला दिन के उजालों ने यहाँअब कोई दीप जलाते हुए डर लगता हैये मेहरबान कहीं तेरा क़फन छीन न लेंलाश मरघट पे सजाते हुए डर लगता है।
जाने कब से तरस रहे हैजाने कब से तरस रहे हजाने कब से तरस रहे हैं, हम खुल कर मुस्कानें कोइतने बन्धन ठीक नहीं हैं, हम जैसे दीवानों कोलिये जा रहे हो दिल मेरा, लेकिन इतना याद रहेबेच न देना बाज़ारों में, इस अनमोल ख़जाने कोतन की दूरी तो सह लूँगा, मन की दूरी ठीक नहींप्यार नहीं कहते हैं केवल, आँखों के मिल जाने कोयह अपना दुर्भाग्य विधाता, ने तन दिया अभावों कामन दे दिया किसी राजा का, जग में प्यार लुटाने कोसुख-दुख अगर देखना है तो, अपने चेहरे में देखोहोंठ मिले हैं मुस्कानें को, आँखें अश्क़ बहाने को।