चरागों को आँखों में महफूज रखना SHARE FacebookTwitter चरागों को आँखों में महफूज रखनाबड़ी दूर तक रात ही रात होगीमुसाफिर हो तुम भी, मुसाफिर हैं हम भीकिसी मोड़ पर, फिर मुलाकात होगीMore SHARE FacebookTwitter Tagsअँधेरी रात शायरी