ना जाने कौन से गुनाह कर बैठे हैं। SHARE FacebookTwitter ना जाने कौन से गुनाह कर बैठे हैंजो तमन्नाओं की उम्र में तज़ुर्बे मिल रहे हैं SHARE FacebookTwitter Tagsमिलन की रात शायरी
Na jaane wo humse kya chhupati thi; kuch tha zaroor uske payyare se hontho pe; magar na jaane kyon h.......Read Full Shayari