तिश्नगी जम गई पत्थर की तरह होंठों पर SHARE FacebookTwitter तिश्नगी जम गई पत्थर की तरह होंठों पर;डूब कर भी तेरे दरिया से मैं प्यासा निकलाMoreThis is a great तिश्नगी पर शायरी. If you like पत्थर के सनम शायरी then you will love this. Many people like it for होंठों की शायरी. SHARE FacebookTwitter Tagsतिश्नगी पर शायरी, पत्थर के सनम शायरी, होंठों की शायरी