आँखों में चाहत दिल में कशिश है

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आँखों में चाहत दिल में कशिश है
ना जाने फिर क्यों मुलाकात में बंदिश है
मोहब्बत है हम दोनों को एक-दूसरे से
फिर भी दिलों में ना जाने यह रंजिश क्यों है

This is a great आँखों का काजल शायरी. If you like शायरी आँखों की then you will love this. Many people like it for किसी की चाहत शायरी.

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