वक़्त के मोड़ पे ये कैसा वक़्त आया हैज़ख़्म दिल का ज़ुबाँ पर आया हैन रोते थे कभी काँटों की चुभन सेआज न जाने क्यों फूलों की खुशबू से रोना आया है
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