वक़्त के मोड़ पे ये कैसा वक़्त आया हैवक़्त के मोड़ पे ये कैसा वक़्त आया हैज़ख़्म दिल का ज़ुबाँ पर आया हैन रोते थे कभी काँटों की चुभन सेआज न जाने क्यों फूलों की खुशबू से रोना आया है
महक रही है जिंदगी आज भी जिसकी खुशबू सेमहक रही है जिंदगी आज भी जिसकी खुशबू सेवो कौन था जो यूँ गुजर गया मेरी यादों से
खुशबू की तरह मेरी हर साँस मेंखुशबू की तरह मेरी हर साँस मेंप्यार अपना बसाने का वादा करोरंग जितने तुम्हारी मोहब्बत के हैंमेरे दिल में सजाने का वादा करो
तुम्हें सोचा तो हर सोच से खुशबू आईतुम्हें सोचा तो हर सोच से खुशबू आईतुम्हें लिखा तो हर अल्फ़ाज महकता पाया