आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है SHARE FacebookTwitter आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता हैभूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता हैMoreThis is a great बुलंदी शायरी इन हिंदी. SHARE FacebookTwitter Tagsबुलंदी शायरी इन हिंदी