आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है

SHARE

आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है
भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है

This is a great बुलंदी शायरी इन हिंदी.

SHARE