ज़ख्म देने की आदत नहीं हमको

SHARE

ज़ख्म देने की आदत नहीं हमको
हम तो आज भी वो एह्साह रखते हैं
बदले-बदले तो आप हैं जनाब
हमारे आलावा सबको याद रखते हैं

This is a great बदले की शायरी. If you like बदले बदले शायरी then you will love this. Many people like it for जनाब शायरी. Share it to spread the love.

SHARE