ना मुस्कुराने को जी चाहता है SHARE FacebookTwitter ना मुस्कुराने को जी चाहता हैना आंसू बहाने को जी चाहता हैलिखूं तो क्या लिखूं तेरी याद मेंबस तेरे पास लौट आने को जी चाहता हैMore SHARE FacebookTwitter Tagsचाहत हिन्दी शायरी