अब तो यह चांदनी भी हमें जलाती है

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अब तो यह चांदनी भी हमें जलाती है
भरी महफ़िल में भी तन्हाई हमें सताती है
जब से दूर गए हो तुम हमसे
हमारी आँखें हर पल दब-दबाती हैं

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