ए वाइज़-ए-नादाँ करता है तू एक क़यामत का चर्चा

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ए वाइज़-ए-नादाँ करता है तू एक क़यामत का चर्चा
यहाँ रोज़ निगाहें मिलती हैं, यहाँ रोज़ क़यामत होती है

This is a great कातिल निगाहें शायरी. If you like तेरी निगाहें शायरी then you will love this. Many people like it for क़यामत शायरी. Share it to spread the love.

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