लगता नहीं है दिल मेरा उजड़े दयार में

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लगता नहीं है दिल मेरा उजड़े दयार में
किसकी बनी है आलम-ए-ना पैदार में
कह दो इन हसरतों से कहीं और जा बसें
इतनी जगह कहाँ है दिल-ए-दागदार में

This is a great मेरा बचपन शायरी. If you like मेरा नसीब शायरी then you will love this. Many people like it for मेरा गाँव शायरी. Share it to spread the love.

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