तुम आज हँसते हो हंस लो मुझ पर ये आज़माइश ना बार-बार होगी

SHARE

तुम आज हँसते हो हंस लो मुझ पर ये आज़माइश ना बार-बार होगी
मैं जानता हूं मुझे ख़बर है कि कल फ़ज़ा ख़ुशगवार होगी
रहे मुहब्बत में ज़िन्दगी भर रहेगी ये कशमकश बराबर;
ना तुमको क़ुरबत में जीत होगी ना मुझको फुर्कत में हार होगी

This is a great हँसते रहो शायरी.

SHARE