अब हवा जिधर जाये मैं भी उधर जाऊंगा

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अब हवा जिधर जाये मैं भी उधर जाऊंगा
मैं खुश्बू हूँ हवाओं में बिखर जाऊंगा
अफ़सोस तुम्हें होगा मुझे सताओगे अगर
मेरा क्या जितना भी जलाओगे उतना ही निखर जाऊंगा

This is a great मर जाऊंगा शायरी.

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