साथ में गुजारी हर वो

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साथ में गुजारी हर वो, शाम भूल गए
मोहब्बत वाली बातें, तमाम भूल गए
कायनात में कायम,बहुत कम ही रहते हैं अपने वादे पे
फिर भी, गिला यही है कि तुम मेरा, नाम भूल गए

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