आप की खातिर से हम करते हैं जब्ते-इज्तिराब SHARE FacebookTwitter आप की खातिर से हम करते हैं जब्ते-इज्तिराबदेखकर बेताब मुझको और घबराते हैं आपअर्थजब्ते-इज्तिराब - बेचैनी या बेकरारी पर काबूबेताब - व्याकुल, बेचैMore SHARE FacebookTwitter Tagsरात पे शायरी