ये भारत देश महान है.
ये मेरा देश महान है.
इसके लहराते खेतों का,
अन्न हम सबने खाया है.
कल कल करती नदियों से,
शीतल जल हमने पाया है.
इसके उत्पादित वस्त्र से
अपना तन भी ढक पाया है.
इसकी पावन शालाओं में
ज्ञान सदा हमने पाया है.
इसके हर इक नर -नारी से
प्यार सभी ही पाते हैं.
इसकी प्यारी मिट्टी को हम
अपना शीश झुकाते हैं.
इस पावन भूमि में हमने,
अपना जीवन सफल बनाया है.
ये स्वर्ग से भी महान है,
ये मेरा देश महान है.
कविता: हरिप्रसाद धर्मक विशाल