उम्मीदों की मंजिल ढह गई

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उम्मीदों की मंजिल ढह गई;
ख़्वाबों की दुनिया बह गई;
अबे तेरी क्या इज्ज़त रह गई;
जब एक झकास आइटम तेरे को;
'भैया' कहके 'राखी' पहना गई।
हैप्पी रक्षा-बंधन!

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