क्या बनाने आये थे क्या बना बैठे SHARE FacebookTwitter क्या बनाने आये थे क्या बना बैठे; कहीं मंदिर बना बैठे कहीं मस्जिद बना बैठे; हमसे तो जात अच्छी है परिंदों की; कभी मंदिर पर जा बैठे तो; कभी मस्जिद पर जा बैठे।More SHARE FacebookTwitter
हर एक महान सपने की शुरुआत एक स्वप्नद्रष्टा से होती है। हमेशा याद रखिये, आपके अन्दर व.......Read Full Message