दर्द में भी जो हँसना चाहो SHARE FacebookTwitter दर्द में भी जो हँसना चाहो, तो हँस पाओगे; टूटे फूलों को भी पानी में डालो, तो उनमें भी महक पाओगे; ज़िंदगी किसी ठहराव में, कहीं रुकती नहीं; हिम्मत जो करोगे तो मंज़िल खुद-ब-खुद पा जाओगे।More SHARE FacebookTwitter
हर एक महान सपने की शुरुआत एक स्वप्नद्रष्टा से होती है। हमेशा याद रखिये, आपके अन्दर व.......Read Full Message