"स्वभाव" रखना है तो उस "दीपक" की तरह रखो जो "बादशाह" के महल मे भी SHARE FacebookTwitter "स्वभाव" रखना है तो उस "दीपक" की तरह रखो जो "बादशाह" के महल मे भी उतनी "रोशनी" देता है जितनी किसी "गरीब" की "झोपड़ी" मे। SHARE FacebookTwitter