मुहब्बत के लबोँ पर SHARE FacebookTwitter मुहब्बत के लबोँ पर, फिर वही तकरार बैठी है एक प्यारी सी मीठी सी,कोई झनकार बैठी है! तुझसे दूर रहकर के हमारा हाल है ऐसा, मैँ तेरे बिन, तू मेरे बिन, वहाँ बेकार बैठ है! SHARE FacebookTwitter