तुम इबादत के लम्हों में मेरा एक काम करना SHARE FacebookTwitter तुम इबादत के लम्हों में मेरा एक काम करना; हर सहरी से पहले, हर नमाज़ के बाद; हर इफ़्तार से पहले, हर रोज़े के बाद; सिर्फ अपनी दुआ के कुछ अलफ़ाज़ मेरे नाम करना। हैप्पी रमदान!More SHARE FacebookTwitter
ख्वाहिशों के समंदर के मोती तेरे नसीब हों; फूल चेहरा, फूल लहजे तेरे हमसफ़र हों; कुछ.......Read Full Message