बे-जुबान को जब वो जुबां देता है SHARE FacebookTwitter बे-जुबान को जब वो जुबां देता है; पढ़ने को फिर वो कुरान देता है; बक्शने पे आये जब उम्मत के गुनाहों को; तोहफे में गुनाहगारों को रमजान देता है! SHARE FacebookTwitter
ख्वाहिशों के समंदर के मोती तेरे नसीब हों; फूल चेहरा, फूल लहजे तेरे हमसफ़र हों; कुछ.......Read Full Message