मंज़िल मिल ही जाएगी एक दिन भटकते भटकते ही सही SHARE FacebookTwitter मंज़िल मिल ही जाएगी एक दिन भटकते भटकते ही सही; गुमराह तो वो हैं जो डर के घर से निकलते ही नहीं; खुशियां मिल जायेंगी एक दिन रोते रोते ही सही; कमज़ोर दिल तो वो हैं जो हँसने की कभी सोचते ही नहीं।More SHARE FacebookTwitter
हर एक महान सपने की शुरुआत एक स्वप्नद्रष्टा से होती है। हमेशा याद रखिये, आपके अन्दर व.......Read Full Message