खून ये हिन्दुस्तानी है
यही है सागर गंभीर-धीर, दरिया की यही रवानी है
मेरी रग में जो दौड़ रहा है, खून ये हिन्दुस्तानी है.
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हम अहिंसा साध
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पर कायर हमें न मानो तुम
मत ललकारो सिंहों को
हमें नज़र खोल पहचानो तुम
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अब भी गलियों में भगत सिंह, घर में झाँसी की रानी है
मेरी रग में जो दौड़ रहा है, खून ये हिन्दुस्तानी है.
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खुद पर खेल कर लाज बचायी
हर बार हमारी यारी की
पर मौका मिलते ही तुमने
तीन बार गद्दारी की
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बेहतर होगा अंजाम समझ लो,
फिर तुम्हे ही मुंह की खानी है
मेरी रग में जो दौड़ रहा है, खून ये हिन्दुस्तानी है.
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हम देश की रक्षा करने को
आहुति देने से नहीं डरे
तुम जैसे नापाक, नाकारे
और कायर हम में नहीं भरे
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यहाँ देश के नाम पे सुन लो, कुरबां हर एक जवानी है
मेरी रग में जो दौड़ रहा है, खून ये हिन्दुस्तानी है.
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हम भाई भाई ही होते
गर खुद को ये समझाते तुम
हम आज भी यार तुम्हारे होते
गर साथ हमारे आते तुम
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पर कितना ही तुमको समझाओ,
हर बार की यही कहानी है
मेरी रग में जो दौड़ रहा है, खून ये हिन्दुस्तानी है