एक दुखियारी भैंस का खुला ख़त अब तो जिसे देखो वही गाय की तारीफ़ करने में

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एक दुखियारी भैंस का खुला ख़त अब तो जिसे देखो वही गाय की तारीफ़ करने में लगा हुआ है। कोई उसे माता बता रहा है तो कोई बहन! अगर गाय माता है तो हम भी तो आपकी चाची, ताई, मौसी, बुआ कुछ लगती ही होंगी! हम सब समझती हैं। हम अभागनों का रंग काला है ना! इसीलिये आप इंसान लोग हमेशा हमें ज़लील करते रहते हो और गाय को सर पे चढ़ाते रहते हो! आप किस-किस तरह से हम भैंसों का अपमान करते हो, उसकी मिसाल देखिये। आपका काम बिगड़ता है अपनी ग़लती से और टारगेट करते हो हमें कि देखो गयी भैंस पानी में गाय को क्यूं नहीं भेजते पानी में! वो महारानी क्या पानी में गल जायेगी? आप लोगों में जितने भी लालू लल्लू हैं, उन सबको भी हमेशा हमारे नाम पर ही गाली दी जाती है काला अक्षर भैंस बराबर माना कि हम अनपढ़ हैं, लेकिन गाय ने क्या पीएचडी की हुई है? जब आपमें से कोई किसी की बात नहीं सुनता, तब भी हमेशा यही बोलते हो कि भैंस के आगे बीन बजाने से क्या फ़ायदा! आपसे कोई कह के मर गया था कि हमारे आगे बीन बजाओ? बजा लो अपनी उसी प्यारी गाय के आगे! अगर आपकी कोई औरत फैलकर बेडौल हो जाये तो उसे भी हमेशा हमसे ही कंपेयर करोगे कि भैंस की तरह मोटी हो गयी हो करीना; कैटरीना गाय और डॉली बिंद्रा भैंस! वाह जी वाह! गाली-गलौच करो आप और नाम बदनाम करो हमारा कि भैंस पूंछ उठायेगी तो गोबर ही करेगी हम गोबर करती हैं तो गाय क्या हलवा करती है? अपनी चहेती गाय की मिसाल आप सिर्फ़ तब देते हो, जब आपको किसी की तारीफ़ करनी होती है- वो तो बेचारा गाय की तरह सीधा है, या- अजी, वो तो राम जी की गाय है! तो गाय तो हो गयी राम जी की और हम हो गये लालू जी के! वाह रे इंसान! ये हाल तो तब है, जब आप में से ज़्यादातर लोग हम भैंसों का दूध पीकर ही सांड बने घूम रहे हैं। उस दूध का क़र्ज़ चुकाना तो दूर, उल्टे हमें बेइज़्ज़त करते हैं! आपकी चहेती गायों की संख्या तो हमारे मुक़ाबले कुछ भी नहीं हैं। फिर भी, मेजोरिटी में होते हुए भी हमारे साथ ऐसा सलूक हो रहा है! प्लीज़ कुछ करो! आपके ‘कुछ’ करने के इंतज़ार में – आपकी एक तुच्छ प्रशंसक! भैंस

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