एक गोरी सुन्दर सी लड़की की जिद से, पड़ोस में रहने वाले सांवले रंग के सॉफ्टवेयर इंजीनियर से ,
घरवालों के विरोध के बावजूद,
प्रेम विवाह हो रहा था ।
भारी मन से सब कार्यक्रम हुये और विदाई का समय आ गया ...
रोते हुए
लड़की सब से गले लग रही थी...
...सब महिलायें भी रोते हुये गले लगकर कुछ-कुछ कह रहीं थीं,...कोई समझा रही थी ..कोई सीख दे रहीं थी
कोई बिलखते हुये विलाप कर रही थी ...
पर लड़की की माँ जोर जोर से रोती विलाप करती बुंदेलखंडी में चीखे जा रही थी---
" हे राम !! का करें हम !! जा हमाई मैदा की लोई सी मौड़ी,
को जो कौआ सो उड़ा लै जा रओ "!!