संता पहली बार दिल्ली गया। चलने से पहले उसके दोस्तों ने उसे समझाया कि दिल्ली में बिना मोलभाव किए कोई चीज मत खरीदना। वहां के दुकानदार हर चीज के रेट दुगुने बताते हैं।
कनॉट प्लेस पर संता को एक छाता पसंद आ गया।
संता – यह छाता कितने का है ?
दुकानदार – 200 रु. का ।
संता – 100 रु. में दोगे ?
दुकानदार – 100 तो कम हैं। चलो, 150 रु. दे दो।
संता – नहीं, अब तो मैं इसके केवल 75 रु. ही दूंगा।
दुकानदार – अच्छा चलो, 100 ही दे दो।
संता – नहीं, 50 में देना हो तो दो ।
दुकानदार को गुस्सा आ गया ।
दुकानदार – फ्री में लेगा ?
संता – फ्री में 2 दोगे तो लूंगा !