संग-ए-मरमर सा तराशा गोरा ये बदन

SHARE

संग-ए-मरमर सा तराशा गोरा ये बदन;
नशीला सा पिघलता शबाब उसका;
होंठों से लगाओ तो कशिश कैसी है;
.
.
.
.
.
.
ये कुल्फी चीज़ ही ऐसी है।

SHARE