ज़रा गौर फरमाईएगा:

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ज़रा गौर फरमाईएगा:
कविता का नाम है - "दो बूंद"!
सुनिए:
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"टपक! टपक!"
शुक्रिया! उम्मीद है कि पसंद आई होगी।

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