संता एक बार अपने रिश्तेदार से मिलने उसके शहर गया। वहां जब उसे नाश्ता दिया गया तो उसने प्लेट में गंदगी लगी देखी।
उसने पूछा – प्लेटें सही ढंग से धुलती तो हैं न ?
रिश्तेदार बोला – हां, बिल्कुल । ये प्लेटें वाटर से जितनी साफ हो सकती हैं हो जाती हैं।
दोपहर को जब खाने पर गंदी थाली देखी तो संता ने फिर वही सवाल किया। फिर वहीं जवाब मिला – वाटर से थालियां जितनी साफ हो सकतीं हैं, हो जाती हैं।
शाम को जब संता बाहर घूमने निकला तो दरवाजे पर बंधा पालतू कुत्ता भौंकने लगा। रिश्तेदार कुत्ते को डपटते हुए बोला – चुप रहो वाटर ! संताजी तो अपने घर के आदमी हैं