एक शादीशुदा आदमी ने अपनी कविता में कहा है SHARE FacebookTwitter एक शादीशुदा आदमी ने अपनी कविता में कहा है... माँग भरने की सजा कुछ कदर पा रहा हूँ कि माँग पूरी करते-करते माँग के खा रहा हूँ! SHARE FacebookTwitter