जैसे आत्मा ना मरती है

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जैसे आत्मा ना मरती है, ना खत्म होती है, बस तन बदलती है!
वैसे ही सोनपापड़ी ना खुलती है, ना ख़त्म होती है, बस घर बदलती है!

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