वोह कौन थी

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वोह कौन थी ? रंग से गोरी न थी लेकिन सुन्दर थी बहोत ऊँची न थी लेकिन मेरे लिए योग्य थी प्रेम देने वाली न सही मेरे कदमो से कदम मिलाती थी मन्दिर आने से इनकार करती थी लेकिन बाहर मेरा इंतजार करती थी कही भी जाओ मेरे लिए रुक जाती थी वोह कौन थी ? . . . . . . . . . . . . मेरी चप्पल थी अब कोई चुराके ले गया |

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