ज़माने भर की ईदों से हमें क्या वास्ता ग़ालिब

SHARE

ज़माने भर की ईदों से हमें क्या वास्ता ग़ालिब...... . हमारा चाँद दिख जाये, हमारी ईद हो जाये...!!

SHARE