एक वो वक़्त था जब काना बाँसुरी बजाता और सारी गोपियाँ घर से बहार निकल

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एक वो वक़्त था जब काना बाँसुरी बजाता और सारी गोपियाँ घर से बहार निकल आती और एक आज है जब कचरावाला आके सीटी मारता है और सब गोपियां घर के बहार.

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