बोसा-ए-रुख़्सार पर तकरार रहने दीजिएबोसा-ए-रुख़्सार पर तकरार रहने दीजिएलीजिए या दीजिए इंकार रहने दीजिए
दोस्तों की महफ़िल जमे एक ज़माना हो गयादोस्तों की महफ़िल जमे एक ज़माना हो गयालगता है जैसे खुल के जिए एक ज़माना हो गयाकाश कहीं मिल जाए वो काफिला दोस्तों काज़िन्दगी जिए एक ज़माना हो गया
दोस्ती का फ़र्ज़ यूँ ही निभाते रहेंगेदोस्ती का फ़र्ज़ यूँ ही निभाते रहेंगेवक्त बेवक्त आपको सताते रहेंगेदुआ करो कि उम्र लम्बी हो हमारीवरना याद बन के आपको सताते रहेंगे
दोस्ती कभी ख़ास लोगों से नहीं होतीदोस्ती कभी ख़ास लोगों से नहीं होतीजिनसे हो जाती है वही लोग ज़िन्दगी में ख़ास बन जाते है