सितम सिखलाएगा रस्मे-वफ़ासितम सिखलाएगा रस्मे-वफ़ा..सितम सिखलाएगा रस्मे-वफ़ा ऐसे नहीं होतासनम दिखलाएँगे राहे-ख़ुदा ऐसे नहीं होतागिनो सब हसरतें जो ख़ूँ हुई हैं तन के मक़तल मेंमेरे क़ातिल हिसाबे-खूँबहा ऐसे नहीं होताजहाने दिल में काम आती हैं तदबीरें न ताज़ीरेंयहाँ पैमाने-तस्लीमो-रज़ा ऐसे नहीं होताहर इक शब हर घड़ी गुजरे क़यामत, यूँ तो होता हैमगर हर सुबह हो रोजे़-जज़ा, ऐसे नहीं होतारवाँ है नब्ज़े-दौराँ, गार्दिशों में आसमाँ सारेजो तुम कहते हो सब कुछ हो चुका, ऐसे नहीं होता
सितम ढाने की हद होती हैसितम ढाने की हद होती हैपास ना आने की रूठ जाने की हद होती हैएक sms तो कर दे जालिमपैसे बचाने की भी हद होती है
तु रहेगा न तेरे सितम रहेंगे बाकीतु रहेगा न तेरे सितम रहेंगे बाकी;दिन तो आना है किसी रोज़ हिसाबों वाला
हर सितम सह कर कितने गम छिपाए हमनेहर सितम सह कर कितने गम छिपाए हमनेतेरी ख़ातिर हर दिन आँसू बहाए हमनेतू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेलाबस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने
हर सितम सह कर कितने ग़म छिपाये हमनेहर सितम सह कर कितने ग़म छिपाये हमनेतेरी खातिर हर दिन आँसू बहाये हमनेतू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेलाबस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने
ज़िंदगी हमारी यूँ सितम हो गयीज़िंदगी हमारी यूँ सितम हो गयीख़ुशी ना जाने कहाँ दफ़न हो गयीबहुत लिखी खुदा ने लोगों की मोहब्बतजब आयी हमारी बारी तो स्याही ही ख़त्म हो गयी