रिश्तों की चाय में शक्कर ज़रा माप के ही रखना!रिश्तों की चाय में शक्कर ज़रा माप के ही रखनाफीकी हुई तो स्वाद नही आएगा और ज्यादा मीठी हुई तो मन भर जाएगा
उसके क़दमों में: उसके क़दमों में अब हयात रख केउसके क़दमों मेंउसके क़दमों में अब हयात रख केलौट आया मैं दिल की बात रख केये क्या कम है इतना जी गया हूँ मैंउसके ग़म को अपने साथ रख केवफ़ा ना कर पाया तेरी यादों से भी रुखसत करता हूँ इन्हें रात रख केलिख के इक ग़ज़ल फिर तुम्हारे लिएसो गया हूँ सिरहाने जज़्बात रख केरूह फिर से छटपटाने सी लगी हैवो आ बैठा है क़ब्र पे हाथ रख के
खुद को समेट के खुद मे सीमट जाते है हमखुद को समेट के खुद मे सीमट जाते है हमजब तेरी याद आती है फिर से बिखर जाते है हम
मुद्दत हो गयी इक वादा किया था उन्होनेमुद्दत हो गयी इक वादा किया था उन्होनेकश्मकश में हूँ, याद दिलाऊँ कि इंतज़ार करूँ
जख्म ऐ दिल पर हाथ रखकर मुस्कुराना भी इश्क हैजख्म ऐ दिल पर हाथ रखकर मुस्कुराना भी इश्क हैयाद रखना याद करना और याद आना भी इश्क है