किस्मत की लकीरों में नहीं था नाम उसका शायदकिस्मत की लकीरों में नहीं था नाम उसका शायदजबकि उनसे मुलाकात तो हर रोज़ होती थी
अपने हाथों कीअपने हाथों की..अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझकोमैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझकोमुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के मानेये तेरी सादा-दिली मार ना डाले मुझकोख़ुद को मैं बाँट ना डालूँ कहीं दामन-दामनकर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको।बादाह फिर बादाह है मैं ज़हर भी पी जाऊँ 'क़तील'शर्त ये है कोई बाहों में सम्भाले मुझको
अपने हाथों की लकीरों मेंअपने हाथों की लकीरों में..अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझकोमैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझकोमुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के मानेये तेरी सादा-दिली मार ना डाले मुझकोख़ुद को मैं बाँट ना डालूँ कहीं दामन-दामनकर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझकोबादाह फिर बादाह है मैं ज़हर भी पी जाऊँ 'क़तील'शर्त ये है कोई बाहों में सम्भाले मुझको
अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझकोअपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझकोमैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझकोमुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के मानेये तेरी सादा-दिली मार ना डाले मुझकोख़ुद को मैं बाँट ना डालूँ कहीं दामन-दामनकर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझकोबादाह फिर बादाह है मैं ज़हर भी पी जाऊँ 'क़तील'शर्त ये है कोई बाहों में सम्भाले मुझको
उसने हाथों पर मेहंदी लगा रखी थीउसने हाथों पर मेहंदी लगा रखी थीहमने भी अपनी बारात सजा रखी थीक्यूंकि हमें मालूम था वो बेवफा निकलेगीइसलिए हमने भी उसकी सहेली पटा रखी थी
मैं उसके हाथों का खिलौना ही सहीमैं उसके हाथों का खिलौना ही सहीकुछ देर के लिए ही सही उसने मुझे चाहा तो है