किसी से जुदा होना अगर इतना आसान होता ऐ दोस्तकिसी से जुदा होना अगर इतना आसान होता ऐ दोस्त;जिस्म से रूह को लेने कभी फ़रिश्ते नहीं आते
लौट आओ वो हिस्सा लेकरलौट आओ वो हिस्सा लेकर, जो साथ ले गए थे तुमइस रिश्ते का अधूरा-पन अब अच्छा नहीं लगता
फ़ोन के रिश्ते भी अजीब होते हैंफ़ोन के रिश्ते भी अजीब होते हैंबैलेंस रखकर भी लोग गरीब होते हैंखुद तो मैसेज करते नहींमुफ्त के मैसेज पढ़ने के शौक़ीन होते हैं
ऐ ख़ुदा मेरे रिश्ते में कुछ ऐसी बात होऐ ख़ुदा मेरे रिश्ते में कुछ ऐसी बात होमैं सोचूँ उसको और वो मेरे साथ होमेरी सारी ख़ुशियाँ मिल जाएं उसकोएक लम्हें के लिए भी अगर वो उदास हो
मेरे दिल में न आओ वरना डूब जाओगेमेरे दिल में न आओ वरना डूब जाओगेग़म-ए-अश्कों के सिवा कुछ भी नहीं अंदरअगर एक बार रिसने लगा जो पानीतो कम पड़ जायेगा भरने के लिए समंदर
रिश्ते बनते और बिगड़ते रहते हैंरिश्ते बनते और बिगड़ते रहते हैंलोग सफ़र में मिलते बिछड़ते रहते हैंशायर क्या जानेगे दौलत का हुनरलफ़्ज़ों की दुनिया में उलझे रहते हैं