ख़्वाब इस आँखों से अब कोई चुरा कर ले जायेख़्वाब इस आँखों से अब कोई चुरा कर ले जायेक़ब्र के सूखे हुए फूल उठा कर ले जायेमुंतज़िर फूल में ख़ुश्बू की तरह हूँ कब सेकोई झोंकें की तरह आये उड़ा कर ले जायेये भी पानी है मगर आँखों का ऐसा पानीजो हथेली पे रची मेहंदी उड़ा कर ले जायेमैं मोहब्बत से महकता हुआ ख़त हूँ मुझ कोज़िन्दगी अपनी किताबों में दबा कर ले जायेख़ाक इंसाफ़ है नाबीना बुतों के आगेरात थाली में चिराग़ों को सजा कर ले जाये
उलझा दिल-ए-सितम-ज़दा ज़ुल्फ़-ए-बुताँ से आजउलझा दिल-ए-सितम-ज़दा ज़ुल्फ़-ए-बुताँ से आजनाज़िल हुई बला मेरे सर पर कहाँ से आजतड़पूँगा हिज्र-ए-यार में है रात चौधवींतन चाँदनी में होगा मुक़ाबिल कताँ से आजदो-चार रश्क-ए-माह भी हम-राह चाहिएँवादा है चाँदनी में किसी मेहर-बाँ से आजहंगाम-ए-वस्ल रद्द-ओ-बदल मुझ से है अबसनिकलेगा कुछ न काम नहीं और हाँ से आजक़ार-ए-बदन में रूह पुकारी ये वक़्त-ए-नज़ामुद्दत के बाद उठते हैं हम इस मकाँ से आजअँधेर था निगाह-ए-'अमानत' में शाम सहरतुम चाँद की तरह निकल आए कहाँ से आज
अजीब सी कशिश हैं तुम मेंअजीब सी कशिश हैं तुम मेंकि हम तुम्हारे ख्यालों में खोये रहते हैये सोचकर कि तुम ख्यालों में आओगेहम दिन रात बस सोए रहते है
जान से भी ज्यादा उन्हें प्यार किया करते थेजान से भी ज्यादा उन्हें प्यार किया करते थेयाद उन्हे दिन रात किया करते थेअब उन राहों से गुजरा नही जाताजहाँ बैठ कर उनका इंतज़ार किया करते थे
कब उनकी आँखों से इज़हार होगाकब उनकी आँखों से इज़हार होगादिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगागुज़र रही हे रात उनकी याद मेंकबि तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा
हर रात हम तुम्हें याद किया करते हैहर रात हम तुम्हें याद किया करते हैसितारों में तुम्हें देखा करते हैलेकिन हमारे ख्वाबों में मत आना तुमक्योंकि हम भूत से डरा करते है