मोहब्बत के भी कुछ राज़ होते हैंमोहब्बत के भी कुछ राज़ होते हैंजागती आँखों में भी ख़्वाब होते हैंजरूरी नहीं कि गम में ही आंसू आयेंमुस्कुराती आँखों में भी सैलाब होते हैं
मोहब्बत के सपने वो दिखाते बहुत हैंमोहब्बत के सपने वो दिखाते बहुत हैंरातों में वो हमको जगाते बहुत हैंमैं आँखों में काजल लगाऊं तो कैसेइन आँखों को लोग रुलाते बहुत हैं