ख़मोशी से मुसीबत और भी संगीन होती हैख़मोशी से मुसीबत और भी संगीन होती हैतड़प ऐ दिल तड़पने से ज़रा तस्कीन होती है
ख़मोशी से मुसीबत और भी संगीन होती हैख़मोशी से मुसीबत और भी संगीन होती हैतड़प ऐ दिल तड़पने से ज़रा तस्कीन होती है
Hindi Shayari, Ruh ke rishto kiरूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखियेचोट लगती है हमें और चिल्लाती है माँचाहे हम खुशियों में माँ को भूल जायें दोस्तोंजब मुसीबत सर पे आ जाए, तो याद आती है माँ