दुनिया वालों ने तो फकत उसको हवा दी थीदुनिया वालों ने तो फकत उसको हवा दी थी; लोग तो घर ही के थे आग लगाने वाले
यह ग़ज़लों की दुनिया भी अजीब हैयह ग़ज़लों की दुनिया भी अजीब हैयहाँ आँसुओं का भी जाम बनाया जाता हैकह भी देते हैं अगर दर्द-ए-दिल की दास्तानफिर भी वाह-वाह ही पुकारा जाता है
जब्त कहता है ख़ामोशी से बसर हो जायेजब्त कहता है ख़ामोशी से बसर हो जायेदर्द की ज़िद्द है कि दुनिया को खबर हो जाये
कभी थक जाओ तुम दुनिया की महफ़िलों सेकभी थक जाओ तुम दुनिया की महफ़िलों सेहमें आवाज़ दे देना, हम अक्सर अकेले होते हैं
संगदिलों की दुनिया है येसंगदिलों की दुनिया है ये, यहाँ सुनता नहीं फ़रियाद कोईयहाँ हँसते हैं लोग तभी, जब होता है बरबाद कोई
निकले हम दुनिया की भीड़ में तो पता चलानिकले हम दुनिया की भीड़ में तो पता चलाकि हर वह शख्स अकेला है जिसने मोहब्बत की है