ये संगदिलों की दुनिया हैये संगदिलों की दुनिया हैयहाँ संभल के चलना ग़ालिबयहाँ पलकों पे बिठाया जाता हैनज़रों से गिराने के लिए
दुनिया में मत ढूंढ नाम ए वफ़ा 'फ़राज़'दुनिया में मत ढूंढ नाम ए वफ़ा 'फ़राज़'दिलों से खेलते हैं लोग बना के हमसफ़र अपना
जुस्तुजू जिस की थी उस को तो न पाया हम नेजुस्तुजू जिस की थी उस को तो न पाया हम नेइस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम ने
दुनिया भी कितनी अजीब जगह हैदुनिया भी कितनी अजीब जगह हैजब चलना नही आता था, तब कोई गिरने नही देता थाऔर जबसे चलना सिखा है, कदम कदम पर लोग गिराना चाहते है
ग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लोग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लोनशा बढ़ता है शराबें जो शराबों में मिलेंअब न वो मैं हूं न तू है न वो माज़ी है 'फ़राज़जैसे दो साये तमन्ना के सराबों में मिलें
लाख बंदिशें लगा दे यह दुनिया हम परलाख बंदिशें लगा दे यह दुनिया हम परमगर दिल पर काबू हम कर नहीं पायेंगेवो लम्हा आखिरी होगा हमारी ज़िन्दगी काजिस पल हम तुझे इस दिल से भूल जायेंगे