कुछ हिज्र के मौसमकुछ हिज्र के मौसम..कुछ हिज्र के मौसम ने सताया नहीं इतनाकुछ हम ने तेरा सोग मनाया नहीं इतनाकुछ तेरी जुदाई की अज़िय्यत भी कड़ी थीकुछ दिल ने भी ग़म तेरा मनाया नहीं इतनाक्यों सब की तरह भीग गई हैं तेरी पलकेंहम ने तो तुझे हाल सुनाया नहीं इतनाकुछ रोज़ से दिल ने तेरी राहें नहीं देखींक्या बात है तू याद भी आया नहीं इतनाक्या जानिए इस बे-सर-ओ-सामानी-ए-दिल नेपहले तो कभी हम को रुलाया नहीं इतना
ऐसे हिज्र के मौसमऐसे हिज्र के मौसम..ऐसे हिज्र के मौसम अब कब आते हैंतेरे अलावा याद हमें सब आते हैंजज़्ब करे क्यों रेत हमारे अश्कों कोतेरा दामन तर करने अब आते हैंअब वो सफ़र की ताब नहीं बाक़ी वरनाहम को बुलावे दश्त से जब-तब आते हैंजागती आँखों से भी देखो दुनिया कोख़्वाबों का क्या है वो हर शब आते हैंकाग़ज़ की कश्ती में दरिया पार कियादेखो हम को क्या-क्या करतब आते हैं
कुछ हिज्र के मौसम ने सताया नहीं इतनाकुछ हिज्र के मौसम ने सताया नहीं इतनाकुछ हम ने तेरा सोग मनाया नहीं इतनाकुछ तेरी जुदाई की अज़िय्यत भी कड़ी थीकुछ दिल ने भी ग़म तेरा मनाया नहीं इतनाक्यूँ सब की तरह भीग गई हैं तेरी पलकेंहम ने तो तुझे हाल सुनाया नहीं इतनाकुछ रोज़ से दिल ने तेरी राहें नहीं देखींक्या बात है तू याद भी आया नहीं इतनाक्या जानिए इस बे-सर-ओ-सामानी-ए-दिल नेपहले तो कभी हम को रुलाया नहीं इतना
तपिश से बच कर घटाओं में बैठ जाते हैंतपिश से बच कर घटाओं में बैठ जाते हैंगए हुए की सदाओं में बैठ जाते हैंहम इर्द-गिर्द के मौसम से जब भी घबरायेतेरे ख्याल की छाओं में बैठ जाते हैं
सर्द मौसम का मज़ा कितना अलग सा हैसर्द मौसम का मज़ा कितना अलग सा हैतनहा रात में इंतज़ार कितना अलग सा हैधुंध बनी नक़ाब और छुपा लिया सितारों कोउनकी तन्हाई का अब एहसास कितना अलग सा है
मौसम बड़ा बेहाल हैमौसम बड़ा बेहाल हैसुर है, न ताल हैमैसेज बॉक्स भी कंगाल हैक्या आपकी मैसेज फैक्ट्री में भी हड़ताल है